डच कविता 'खेतीहर मजदूर' के मेरे अनुवाद को विजय नगरकर जी ने मराठी भाषा में अनूदित किया है।
डच कविता का हिंदी अनुवाद नीचे है।
शेत मजूर
(De Ploeger)
मला नको पिकातील दाणा,
रक्षण करण्या नाही
छप्पर माझ्या डोक्यावर,
माझा काय अधिकार आहे
माझी संपत्ति तुमचीच आहे ,
माझी संपत्ती फक्त एकच आहे-
तुझ्या शब्दांना मी दिशा देत आहे
प्रवासी आहे तुझ्याच आदेशाचा
नांगर चालवितो तुझ्या
शब्दांचा,
तूच मला ही जबाबदारी दिली आहे
अफाट ही भूमी व उंच पसरलेली शेती
तू विकत घेतली आहे
माझी इच्छा घोड्यासहित,
नजर जाते तेथे
पाहतो मी समुद्र,
माझे शरीर थकले आहे
दुर्बळ व शांत झाले आहे,
आता इच्छा एकाच आहे
हे शक्तिमान -
हे उपकार सहन करण्यासाठी
जन्म घेतला मी शरद ऋतूत
आणि याच जगात मरणार आहे,
तुम्ही सर्व जाणकार आहात
करून विलाप रडणे व्यर्थ आहे
माझ्या चारी दिशेला
फेर धरला आहे भूतकाळातील सुखद आठवणीने,
उदासता ही मला टाळीत आहे
आता मी या मातीत मिसळून गेलो आहे
आता मी फुलणाऱ्या कळ्यांना पाहू शकणार नाही
मी फिरून एकदा आशेचे पूल बांधू शकणार नाही
तुम्ही फक्त माझ्या पिकावर विश्वास ठेवा
मी तुमची सेवा करीत राहील
प्रारंभा पासुन अंता पर्यंत,
तुमच्या स्वार्था साठी
तुम्ही मला निवडले आहे.
या भूमीवर एक मनाने नांगर धरणारा
एक सुंदर भूमी निर्माण करण्यासाठी,
ढळत्या संध्याकाळी
लालीमेत निःसंग प्रेम
करणे गुन्हा आहे
सरळ धोपट मार्ग सोडून
ही अज्ञात उडी आहे
नम्रपणे झुकलेल्या
अग्नीत जळणाऱ्या
त्याच्या घरातील
तो एक त्याग दीप आहे
तो एक शेत मजूर आहे.
मराठी अनुवाद-विजय नगरकर, अहमदनगर,महाराष्ट्र
vpnagarkar@gmail.com
+919422726400
मुळ डच कवि -
आद्रियान रोनाल्ड होल्स्ट
आधारित-
( डच भाषा का हिन्दी अनुवाद : रामा तक्षक )
कविता रूट पर लगी विभिन्न डच कवि /कवयित्रियों की कविताओं को पढ़ने का अवसर मिला। उन्हीं में से एक अन्य कविता का फोटो व उसका हिन्दी में अनुवाद।।
यह कविता आद्रियान रोनाल्ड होल्स्ट की है। यह कवि अपने मित्र यूप निकोलस के घर नाब्बेन गाँव में मिलने आया करता था। नाब्बेन गाँव कविता रूट का हिस्सा है।
De ploeger
खेतीहर मजदूर
नहीं चाहिए मुझे फसल का अनाज,
रखने को छान छप्पर हैं नहीं मेरे पास,
कुछ अधिकार नहीं है मेरा अपना,
सम्पदा हूँ, मैं तुम्हारी ही।
सम्पत्ति मेरी केवल है एक ही -
दिशाएँ मैं देता रहूँ तुम्हारे शब्दों को।
बनता रहूँ कारवां, तुम्हारी जीभ का।
हल चलाता रहूँ, तुम्हारे शब्दों का ।
है दायित्व सौंपा है तू ने मुझे,
बीच विस्तृत भूमि और ये ऊंचे खेत,
खरीद लिया है तूने मेरी इच्छा के घोड़ों के साथ।
जहाँ तक मैं देखता हूँ समुद्र मुझे दिखाई देता है।
हो चुकी है, मेरी थकान शांत और दुर्बल।
चाह मेरी केवल है एक - ताकत।
इस अहसास को सहन करने के लिए कि मैं
पैदा हुआ था शरद ऋतु में,
और इसी दुनिया में होगा मेरा मरण।
आप भले से जानते हैं कि कैसे,
फफक सुबकने वाले विलाप के रूप में,
मेरे चारों ओर घूमती,
उस बीती हुई सुंदरता में से,
उदासी भी मेरा टालमटोल करती है।
अब तो मैं तुममें लगभग
खो सा गया हूँ - मैं फिर से
कलियों को नहीं देखूंगा।
न ही आशाओं के पुल कभी बांधूंगा,
आप केवल मुझे फसल में विश्वास दिलाएं,
ताकि मैं सेवा करता रहूँ -
शुरू से आखिरी तक।
ताकि मैं यह जान सकूँ
कि आपके उद्देश्य ने मुझे चुना है।
भूमि पर एक मन से हल चलाने वाला बनना,
एक सुंदरता के निर्माण के लिए;
ढ़लती साँझ की लालिमा सा
अकेले में प्यार करना खिलाफत है।
वह सही राह चलते, पटरी छोड़ छलांग है।
नम्रतापूर्वक झुके रहना ही
उसके घर का जलता हुआ,
त्याग की मृत्यु का,
मंद चिराग, एक खेतिहर मजदूर।
( डच भाषा का हिन्दी अनुवाद : रामा तक्षक )
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